अग्निहोत्र-यज्ञ क्यों करें?
ओ३म् सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा ने चार ऋषियों अग्नि, वायु, आदित्य व अंगिरा को वेदों का भाषा व
Read Moreओ३म् सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा ने चार ऋषियों अग्नि, वायु, आदित्य व अंगिरा को वेदों का भाषा व
Read Moreओ३म् हम इस जन्म में मनुष्य योनि में उत्पन्न हुए हैं। हम क्या हैं, यह अधिकांश मनुष्यों को ज्ञात नहीं
Read Moreओ३म् मनुष्य का मन ही बन्धन व मोक्ष का कारण है। यह दर्शन शास्त्र का वचन है और यह सत्य
Read Moreओ३म् आर्यसमाज एक संगठन है जिसकी स्थापना वेदों के उच्च कोटि के विद्वान, योगी व आप्त पुरुष ऋषि दयानन्द सरस्वती
Read Moreओ३म् ऋषि दयानन्द ने एक लघु-ग्रन्थ ‘भ्रान्ति–निवारण’ लिखा है। यह लघु-ग्रन्थ ऋषि दयानन्द ने पंडित महेशचन्द्र न्यायरत्न, कलकत्ता की पुस्तक
Read Moreपराधीन भारत में अंग्रेज पादरियों और अधिकारियों की आर्यसमाज के अनुयायियों पर कू्रर दण्डात्मक दृष्टि थी। इसके लगभग 24 उदाहरण
Read Moreओ३म् संसार में सत्य और असत्य तथा विद्या और अविद्या का अस्तित्व है और मनुष्य को दोनों का ज्ञान होना
Read Moreओ३म् वैदिक धर्म संसार का सबसे प्राचीनतम एवं ज्ञान विज्ञान से युक्त प्राणी मात्र का हितकारी धर्म है। यही एक
Read Moreओ३म् हम विगत अनेक वर्षों से इस संसार में रह रहे हैं। सभी मनुष्यों की अपनी-अपनी जन्म तिथी है। यह
Read Moreओ३म् हमारी पृथिवी हमारे सूर्य का एक ग्रह है। इस पृथिवी ग्रह पर मनुष्यादि अनेक प्राणी विद्यमान है। हमारी यह
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