चलो, स्वाध्याय करें
ओ३म् हमारा जहां तक ज्ञान है उसके अनुसार संसार में केवल वैदिक मत ही एकमात्र ऐसा धर्म वा मत है
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Read Moreओ३म् संसार में दो प्रकार की रचनायें देखने को मिलती है। एक अपौरूषेय और दूसरी पौरूषेय रचनायें। अपौरूषेय रचनायें वह
Read Moreओ३म् संसार में ईश्वर, जीव व प्रकृति इन तीन अभौतिक व भौतिक पदार्थों का अस्तित्व है। ईश्वर व जीव चेतन
Read Moreवेद और योग-दर्शन सभी मनुष्यों को ईश्वर का ज्ञान कराकर उन्हें ईश्वर की उपासना का सन्देश देते हैं। ईश्वर का
Read Moreओ३म् हमारे देश में अनेक प्रकार के धार्मिक व सामाजिक अन्धविश्वास एवं पाखण्ड प्रचलित हैं। इन अन्धविश्वास एवं पाखण्डों का
Read Moreओ३म् हम पृथिवी पर रहते हैं जिसका एक चन्द्रमा है और सुदूर एक सूर्य है जिससे हमें प्रकाश व गर्मी
Read Moreओ३म् हम अपने परिवार, मित्र मण्डली तथा पड़ोसी आदि अनेक लोगों को जानते हैं। हम से कोई पूछे कि क्या
Read Moreओ३म् श्रावण का महीना वर्षा ऋतु का सबसे अधिक वर्षा वाला महीना होता है। आजकल तो देश में बड़े-बड़े नगर
Read Moreओ३म् आर्यजगत् के वेदों के उच्च कोटि के विद्वान आचार्य डा. रामनाथ वेदालंकार ने ‘यजुर्वेद ज्योति’ नाम से यजुर्वेद के
Read Moreओ३म् मनुष्य के जीवन में ईश्वर के बाद माता-पिता का सबसे अधिक महत्व है। इसके बाद जिन लोगों का महत्व
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