Author: *मनमोहन कुमार आर्य

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ऋषि दयानन्द के देश व मानवता के हित के अनेक कार्यों में एक कार्य वेदों का उद्धार

ओ३म् ऋषि दयानन्द ने मानवता, समाज व देश हित के अगणित कार्य किये हैं। सब सुधारों का मूल वेदाध्ययन व

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

यदि स्वामी दयानन्द और स्वामी श्रद्धानन्द न होते तो स्वामी रामदेव भी न होते : स्वामी रामदेव

तीन दिवसीय गुरुकुल सम्मेलन, गुरुकुल कांगड़ी परिसर में 6 जुलाई, 2018 को आरम्भ हुआ। अपरान्ह 4 बजे से सम्मेलन का

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

सत्यार्थ प्रकाश क्यों पढ़े?

ओ३म् अच्छी ज्ञानवर्धक पुस्तकें सभी मनुष्यों को पढ़नी चाहियें। अनेक पुस्तकों को धार्मिक ग्रन्थों की संज्ञा दी जाती है। धार्मिक

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

सृष्टि रचना, उसका पालन एवं सृष्टि की अपौरुषेय रचनाएँ ईश्वर के अस्तित्व के प्रमाण

ओ३म् हम संसार में अनेक रचनायें देखते हैं। रचनायें दो प्रकार की होती हैं। एक पौरुषेय और दूसरी अपौरुषेय। पौरुषेय

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्मविज्ञान

क्या बिना ईश्वर सृष्टि का बनना व संचालन सम्भव है?

ओ३म् हम जिस सृष्टि में रहते हैं वह विशाल ब्रह्माण्ड का एक सौर्य-मण्डल है। इस सौर्यमण्डल में मुख्यतः एक सूर्य,

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

जीवात्मा के बाहर भीतर व्यापक परमात्मा को जानना मनुष्य का मुख्य कर्तव्य

ओ३म् संसार में अनेक आश्चर्य हैं। कोई ताजमहल को आश्चर्य कहता है तो कोई लोगों को मरते हुए देख कर

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

वेद और ऋषियों ने दिया पूरे विश्व को आत्मा के अविनाशी होने व पुनर्जन्म का सिद्धान्त

ओ३म् मनुष्य जीवन का उद्देश्य ज्ञान की प्राप्ति कर सत्य व असत्य को जानना, असत्य को छोड़ना, सत्य को स्वीकार

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

आर्यसमाज की स्थापना सनातन वैदिक धर्म की रक्षा के लिए की गयी थी

ऋषि दयानन्द इतिहास में सत्य के आग्रही अनुपमेय महापुरुष थे। उन्होंने अपने जीवन में सत्य को छोड़ा नहीं और कभी

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