सन्ध्या व अग्निहोत्र यज्ञ का महत्व व लाभ
ओ३म् सन्ध्या एक शास्त्रीय विधान है जिसका अनुष्ठान प्रत्येक स्त्री व पुरुष का कर्तव्य है। शैशव काल से माता-पिता के
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Read Moreमहात्मा आनन्द स्वामी जी (पूर्व आश्रम का नाम खुशहाल चन्द) का नाम आज भी प्रायः प्रत्येक आर्यसमाज का सक्रिय अनुयायी
Read Moreओ३म् मनुष्य का जीवन व चरित्र उज्जवल होना चाहिये परन्तु आज ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है। जो जितना
Read Moreओ३म् इतिहास की हर छोटी बड़ी बात सभी ऋषि भक्तों को स्मरण हो, यह सम्भव नहीं है। इसके लिए समय
Read Moreओ३म् स्वामी सर्वदानन्द सरस्वती (1865-1941) आर्यसमाज के प्रमुख संन्यासी व विद्वानों में एक थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में आर्यसमाज की
Read Moreओ३म् संसार में अनेक मत व मतान्तर प्रचलित हैं। यह सभी मत कभी न कभी किसी न किसी मनुष्य व
Read Moreओ३म् देश की आजादी की 70वीं वर्षगाठ पर हमारे देश को आठवीं शताब्दी व उसके बाद मुसलमानों ने गुलाम बनाया
Read Moreयोगेश्वर श्री कृष्ण जी पूरे विश्व में विख्यात है। इसका कारण उनका श्रेष्ठ आदर्श जीवन, उनके कार्य और श्रीमद्भगवद गीता
Read Moreसंसार में जितने भी प्राणी है वह सब सुख की कामना करते हैं, दुःख की कामना कोई भी नहीं करता।
Read Moreओ३म् वेद, ऋषि दयानन्द और आर्यसमाज का अनुयायी सत्यार्थप्रकाश सहित ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका आदि ग्रन्थों सहित वेद एवं वैदिक साहित्य का स्वाध्याय
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