सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ के प्रभाव विषयक एक प्रेरणाप्रद प्रसंग
ओ३म् हम भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून में कार्यरत रहे और जुलाई, 2012 में 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर सेवानिवृत
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Read Moreओ३म् महात्मा ज्योतिबा फुले (1827-1890) भारत के उन चुनें हुए महात्माओं व महापुरुषों में से हैं जिन्होंने दलित स्त्रियों की
Read Moreओ३म् चार वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद सृष्टि की आदि में उत्पन्न ईश्वर प्रदत्त ज्ञान है जो ईश्वर ने
Read Moreओ३म् रामलीला देखने में हजार हत्याओं के समान दोष हैः ऋषि दयानन्द ऋषि दयानन्द ने दक्षिण भारत में आर्यसमाज
Read Moreओ३म् संसार में सृष्टि के आदि काल से जो मनुष्य उत्पन्न हुए हैं उनकी गणना करना सम्भव नहीं है। कारण
Read Moreओ३म् वैदिक सनातन घर्म में पंच महायज्ञों को नित्य प्रति दो समय प्रातः व सायं करने का विधान है। इन
Read Moreओ३म् पुरोहित उस व्यक्ति को कहते हैं जो देश व समाज के प्रत्येक व्यक्ति के हित की भावना से कार्य
Read Moreओ३म् ईश्वर संसार का रचयिता, पालक एवं प्रलयकर्ता है। वह सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम,
Read Moreओ३म् डा. अम्बेदकर जी के जन्म दिवस 14 अप्रैल को 4 दिन व्यतीत हो चुके हैं। उस दिन हम उन
Read Moreओ३म् आर्य समाज वेदप्रचार का आन्दोलन है जो संसार में भूत और भविष्य के सभी आन्दोलनों से सर्वश्रेष्ठ एवं महान
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