वेदों की प्रमुख देन ईश्वर, जीव तथा प्रकृति विषयक त्रैतवाद का सिद्धान्त
ओ३म् वेद संसार के सबसे पुराने ज्ञान व विज्ञान के ग्रन्थ है। वेदों का आविर्भाव सृष्टि के आरम्भ में इस
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Read Moreओ३म् ऋषि दयानन्द जी ने सत्यार्थप्रकाश के सप्तम समुल्लास के आरम्भ में ऋग्वेद के 4 और यजुर्वेद के एक मन्त्र
Read Moreओ३म् वर्तमान समय से लगभग 5,200 वर्ष पूर्व महाभारत का विनाशकारी युद्ध हुआ था। महाभारत काल तक वेद अपने सत्यस्वरूप
Read Moreओ३म् ईश्वर एक सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान एवं सर्वज्ञ सत्ता है जबकि जीवात्मा एक एकदेशी, ससीम तथा अल्पज्ञ सत्ता है। अल्पज्ञ होने
Read Moreओ३म् सभी मनुष्य सुख प्राप्ति की कामना करते हैं। इसके साथ ही जीवन में कभी दुःख प्राप्त न हों, इसके
Read Moreओ३म् गुरुकुल शिक्षा प्रणाली विश्व की सबसे प्राचीन शिक्षा प्रणाली है। महाभारत के समय तक इसी प्रणाली से लोग विद्याध्ययन
Read Moreओ३म् वैदिक धर्म एवं संस्कृति में यज्ञ का प्रमुख स्थान है। यज्ञ किसी भी पवित्र व श्रेष्ठ कार्य करने को
Read Moreओ३म् हम परमात्मा के बनाये हुए इस संसार में रहते हैं। इस संसार के सूर्य, चन्द्र, पृथिवी सहित पृथिवी के
Read Moreओ३म् वैदिक धर्म के आधार ग्रन्थ वेदों में प्राचीन व सृष्टि के आरम्भ काल से जन्मना जाति का उल्लेख कहीं
Read Moreओ३म् ऋषि दयानन्द के आगमन से पूर्व विश्व में लोगों को वेदों तथा ईश्वर सहित आत्मा एवं प्रकृति के सत्यस्वरूप
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