तेरे बिन
तेरे बिन सूखे रेगिस्तान सी है ये जिंदगी न जरूरत है किसी की न किसी की तमन्ना रखता हूँ फिर
Read Moreक्यों चाहा उसे जो मोहब्बतों के काबिल न थी आंधियों का जज़्बा थी वो प्रेम का सागर न थी हम
Read Moreआज महफ़िल से किसी एकांत में मैं जरूर जाना चाहता हु वो चेहरा जिसने जीते जी कुछ न दिया जख्मो
Read Moreक्या इत्तफाक है जाने कब से ख्वाहिश थी उन्हें सिर्फ अपना बनाने की उनके संग प्रेम के गीत गाने की
Read Moreक्या हुआ जो हमारी बात नही होती बिन बोले भी मेरी जुबान पे सिर्फ तुम्ही तो रहते हो ये आँखे
Read Moreकैसे समझाऊं उन्हें कि वो मेरी बंजर जमीन पे पक्का रोड़ हैं मेरे दिल की हार्ड डिस्क पे वो हो
Read Moreकल रात मेरी बीवी ने मुझे बहुत मारा पिटता रहा मैं आखिर क्या करता बेचारा क्योंकि हुआ आखिर ये की
Read Moreक्या पता ये लम्हा आखिरी हो जो न फिर से आ पाय कभी क्या पता ये मुलाकात भी आखिरी हो
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