हिंदी
जन-जन के कंठ समाई पहचान अमिट बनाई राष्ट्रभाषा हिंदी भारत माँ के माथे की बिंदी समरसता फैलाती ज्ञान की अलख
Read Moreहमने अपने-पराये देखे ख्वाब बड़े-बड़े सुहाने देखे गम का सागर देखा खुशियों का पिटारा देखा धूप-छाँव का खेल निराला देखा
Read Moreइस साल प्रकृति ने कुछ ज्यादा ही कहर बरपाया | पिछले वर्ष तो बाढ़ से कुछ फसल बच गई थी,
Read Moreबूँद-बूँद अनमोल जल की कीमत मत तोल सोच समझकर नीर बहा कभी व्यर्थ न इसको बहा जल बिन न जीवन
Read Moreचिड़ियों की चूँ-चूँ, चीं-चीं कहती सदा रहो तुम गाते – मुस्काते पल-पल करो सदा सद उपयोग श्रम करने वाले कभी
Read Moreपूजनीय महात्मा चैतन्य मुनि जी का बीती 26 जून 2020 को हृदयाघात से दुःखद निधन हो गया | महात्मा चैतन्य
Read Moreदिन रात सियाराम को भजो | अनुचित सब कर्म तजो || उनकी छवि अति मनोहर | शीश झुकाओ प्रभु के
Read Moreकभी जो थे मासूम से सूने-सूने बादल | अब दिखा रहे तरह-तरह के रंग बादल || झमा-झम-झम झड़ी लगा रहे
Read Moreआगरा | गुरूपूर्णिमा के पावन अवसर पर बृजलोक साहित्य कला संस्कृति अकादमी के सौजन्य से एक ऑनलाइन साहित्य साधना एवं
Read Moreभिवानी | भिवानी न्यूज, भिवानी (हरियाणा) व बृजलोक साहित्य, कला, संस्कृति अकादमी आगरा (उ. प्र.) के संयुक्त तत्वावधान में नव
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