विवान
नटखट तू गोपाल जैसा प्रिय तू मुझको न कोई वैसा। है हवाओं सी तुझमें चंचलता चांद सी तुझमें है शीतलता।।
Read Moreचांद सी शीतल हो तुम फूलों सी कोमल हो। हवाओं सी दीवानी तुम सुगंधित परिमल हो। हैं नयनों में कटार
Read Moreआग उगलती दुनिया में जलधार लेकर आई हो। नफरतों से भरी इस दुनिया में तुम प्यार लेकर आई हो। स्वार्थ
Read Moreकहीं खोया है उत्साह मेरा कहीं खोई है मन की आशा। उमड़-घुमड़ कर चली आई है बादल बनकर ढेर निराशा।
Read Moreदेश की जनता को मुंगेरीलाल के हसीन सपनें दिखाकर सत्ता में आई भाजपा अब निरंकुश सत्ता पाने की लालसा में
Read Moreखुदा बनके आ गॉड बनके तू आ आके प्रभु तू दरस दिखा। कहां है तू विधाता मेरे मन से मेरे
Read Moreभाजपा ने एक बार फिर से चमत्कार कर दिया है। देश में एक बार फिर से मोदी लहर की धमक सुनाई
Read Moreरंगों की रंगोली में साथ सभी के टोली में। प्यार का रंग बरसातें हैं प्रिये आओ अबकी होली में। फागुन
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