गीतिका/ग़ज़ल मोहम्मद मुमताज़ हसन 08/02/2021 ग़ज़ल बेशुमार हादसों से गुज़रा हूँ मैं! वक़्त इसलिए ही सहमा हूँ मैं! लहू लहू जिस्म है रूह के साथ, अहले Read More
गीतिका/ग़ज़ल मोहम्मद मुमताज़ हसन 30/11/2020 ग़ज़ल मुंह मोड़कर हम जाते नहीं, इश्क गर तुम ठुकराते नहीं! यूं किसी से दिल लगाते नहीं, मग़रूर से रिश्ते बनाते Read More
गीतिका/ग़ज़ल मोहम्मद मुमताज़ हसन 30/11/2020 ग़ज़ल हाल बन्दों का जान लेता है, ख़ुदा जब इम्तिहान लेता है! ख़ौफ़ दुश्मनों का है शायद, मकां में वो अमान Read More