लघुकथा : मेहरबानी
बस की खचाखच भीड़ में कई जगह उड़ती हुई नजर डालने के बाद मेरी नजर एक सीट पर टिक गई, जिस
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Read More“नमस्कार ।” अचानक घर आये सूटबूटधारी युवक ने उन्हें अभिवादन किया । “जी, नमस्कार ।आइए बैठिए ।”उनका पहले से ही
Read More“विवेक, तेरा ही ठीक है यार ! यूँ लगता है,जैसे किसी शहजादे की जिन्दगी जी रहा है तू ! इतनी
Read Moreपूजा आफिस में घुसते-घुसते गेट के बाहर ही ठिठक गई। भीतर उसी की बातें हो रही थीं। ” यार, यह
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