ग़ज़ल
गुज़री है मेरे दिल पर क्या क्या अब हिज्र का आलम पूछ रहे ।। मालूम तुम्हें जब गम है मेरा
Read Moreबहुत से लोग बेघर हो गए हैं । सुना हालात बदतर हो गए हैं ।। मुहब्बत उग नहीं सकती यहां
Read Moreनए हालात पढ़ पाए नहीं क्या ।अभी तुम होश में आए नहीं क्या ।। उठीं हैं उगलियां इंसाफ ख़ातिर ।तुम्हारे
Read Moreआपका जब से मेरे दिल में ठिकाना बन गया । देखिए अंदाज भी कुछ शायराना बन गया ।। है जमीं
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