माटी की हांड़ी
माटी की हांडी *************** जरा सी आग बची थी चूल्हे में तो सोचा क्यों इस तपत को बेकार जाने दूँ
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Read Moreबहुत भीगा सावन है रे दिल को सुखा रख आँखों को भीगा गया पल – पल जुदाई में तड़पती को
Read Moreआ री निंदिया हाथ पकड़ मुझे अपने साथ ले चल मेरे सपनों के मुझे तू गाँव ले चल जहाँ बादल
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