जा रही है गाँव झुनिया
जा रही अब गाँव झुनिया । एक गठरी शीश पर है, देह दुर्बल पाँव भारी, काँख मुन्ना को दबाए, एक
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Read Moreघर से मत निकलो, सब जन प्रण लो, तालाबंदी सफल बने । थोड़ा गम खाओ, मत घबराओ, छँट जाएँगे मेह
Read Moreश्रद्धा सुमन चढ़ाऊँ कैसे,कोई सूझे युक्ति नहीं। जब तक दुश्मन जिंदा फिरते,तब तक होनी मुक्ति नहीं। सैनिक जान गँवा देते
Read Moreमन में विश्वास लिए करते प्रयास रहें, मुख न मलिन करें स्वाद चखें जीत का। जीत का जुनून चढ़े और
Read Moreसाहित्य समाज को दिग्भ्रम से बचकर एक नई दिशा में अग्रसर होने की प्रेरणा प्रदान करता है।गद्य और पद्य
Read Moreअपना भारत देश जो,लगे सुरक्षित आज। हर पल सेवारत् रहें,दृढ़ता से जांबाज। दृढ़ता से जांबाज,रहें जल-थल-अंबर में। तब जाकर सुख-चैन,प्राप्त
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