ग़ज़ल-“ये तुम क्यों भूल गए”
मैंने तुम से प्यार किया था…..ये तुम क्यों भूल गए तुमको सब कुछ मान लिया था ये तुम क्यों भूल
Read Moreमैंने तुम से प्यार किया था…..ये तुम क्यों भूल गए तुमको सब कुछ मान लिया था ये तुम क्यों भूल
Read Moreअगर बेटे हीरा है तो हीरे की खान है बेटियां अपने घर-गांव-देश की पहचान है बेटियां अगर बेटे सूरज है
Read Moreईश्वर को कहाँ ढूंढे रे बंदे ईश्वर ही माँ का दूजा नाम वो ही कृष्ण है वो ही राम माँ
Read Moreबीत गए दिन जवानी के मेहनत और क़ुरबानी के जब तक था स्वार्थ तब तक रहे साथ अब बेटा नही
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