तुझे मै यूँ निहारता रहा
तुझे मै यूँ निहारता रहा।तू आगे बढ़ती रही ,मै अपने अल्फाज़ सभालता रहा।तू मुझे नजरअंदाज करती रही,मै बिखरता रहा।तेरे हाथ
Read Moreतुझे मै यूँ निहारता रहा।तू आगे बढ़ती रही ,मै अपने अल्फाज़ सभालता रहा।तू मुझे नजरअंदाज करती रही,मै बिखरता रहा।तेरे हाथ
Read Moreजिसके चलने से जीवित हूं मैं,वो सांस हो तुम।जिसके नाम से ही चेहरे पर खुशी छा जायेवों एहसास हो तुम।धमनियों
Read Moreये मत सोचना तुम,तुम्हें याद नही करते है हम..!!सुबह की मुस्कान भरी चाय हो तुम,दोपहर का ख्याल भरा आराम हो
Read Moreहर खुशी को तेरे लिए संभाल रखा है।तुम क्या हो पता है,मुझेइसलिए सभी को जिंदगी से टाल रखा है।। तेरे
Read Moreतुम मेरे लिए सोलह सोमवार के व्रत रखना, मै भी तुम्हारे लिए रखूँगा।तुम मेरे हाथ में अपना हाथ देना, मै
Read Moreमै इस चमन में अपनों को ढूंढ रहा हूंजैसे रात में देखे सपनों को ढूंढ रहा हूंमैने गैरों से बहुत
Read Moreशहरों में वो बात नही है।कोई किसी का खास नही है।लोगो में वों प्यार नही है।मुश्किल घड़ी में परिवार का
Read Moreगांवों में कुछ कमी- सी दिख रही हैलोग तो बहुत है,पर आँखों में नमी- सी दिख रही हैगांवों में वो
Read Moreगुड़ का बाप कोल्हू यह समाज मे आमतौर पर प्रयोग होने वाली कहावत हैं। यह कहावत समाज मे लगभग हर
Read Moreधरती पर केवल मानव जन्म मिल जाना ही पर्याप्त नहीं है अपितु हमें जीवन जीने की कला भी आनी आवश्यक
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