मनहरण घनाक्षरी : मोर
पीहू पीहू करे मोर, आषाढ़ सुहानी भोर। काले घन घिर आए,
Read Moreपीहू पीहू करे मोर, आषाढ़ सुहानी भोर। काले घन घिर आए,
Read Moreनीलगगन उज्जवल, लगे शीतला लगे बयार। हंस वाहिनी का जनम, वहे बसंती धार। १ उपवन में कलियां, खिली भ्रमर मचाए
Read Moreबेटा पाकिस्तानी सुन ले, तेरा बाप रहा समझाय। पाल पोस के किया बडा़ है फिर भी बाप को आंख दिखाय।
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