ग़ज़ल
मेरी सांसों मे समाए हुए से लगते हो फिर भी तुम मुझे पराए से लगते हो घुली है आँखों में
Read Moreजा तो रहे हो तुम चले जाओ शौक से पर कुछ हिसाब है बाकी वो चुका कर जाना कुछ अधूरे
Read Moreजब-जब मुँह को खोलूंगा मैं, ज़हरीला ही बोलूंगा कुछ भी बोलूँगा भारत माँ की जय नहीं मैं बोलूंगा रहता भारत
Read Moreआरक्षण की चाह में तू क्यों यूँ देश फूंकता जाता है अपना घर ही फूंक रहा तू क्यों ये भी
Read Moreसावन का महीना था। इंद्रदेव अपने पूरे वेग से बरस रहे थे। सूरज देवता तो जैसे आज निकलना ही भूल
Read More??लावणी छंद पर आधारित गीत ?? चिंता मत करना प्रियतम तुम, दूर कभी ना जाऊँगी! पथ कितना भी पथरीला हो,
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