ग़ज़ल
तुम मेरी सांसों में समाए से लगते हो फिर भी जाने क्यों मुझे पराए से लगते हो घुली हुई है
Read Moreथोड़ा सा प्यार चाहिये इन्हें भी अपनों का साथ चाहिये इन्हें भी सिर्फ हमदर्दी की ही जरूरत नही इक अदद
Read Moreदबा हुआ है मन में बहुत कुछ बहुत कुछ कहना चाहते हैं ये लब फिर कुछ सोचकर चुप हो जाते
Read More