शायद कुछ सुकूं मिल जाए
तो फिर क्यों लौटा रही हो क़िताब, वह ख़त? और जिक्र करती हो भूल जाने की। किये गए समस्त पूर्व
Read Moreतो फिर क्यों लौटा रही हो क़िताब, वह ख़त? और जिक्र करती हो भूल जाने की। किये गए समस्त पूर्व
Read Moreजब जब मैंने देखा, झूठ और झूठों को। बहुत रोया, चिल्लाया। क्योंकि सहने वाले लोग सच्चे थे। कुछ ऐसे लोग
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