गजल
समय की दौड़ को कोई न पकड़ पाता है होता मालूम नही वक्त गुजर जाता है वक्त के साथ चलने
Read Moreआज के लड़िका फैशन मैहा कतनेव रंग दिखावत है पान सुपारी मुहिमा राखे डैलिया हस मुह फैलावत है कोई रगड़ के चुना रगड़े कोई साजन पुकार खात है बस एक रुपैया मैहा नरक कै टिकट कटावत है बार रखावत ऐसे की जय सय नाचत गावत है टी बी पिक्चर छुटै नहीं पूरा ध्यान लगावत है पढे लिखय का बप्पा कहि दियय फुनुक फुनुक कै रोवत है आज के लड़िका फैशन मैहा कतनेव रंग दिखावत है
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