Author: राम बाबू गुप्ता

कविता

आज का फैशन

आज के लड़िका फैशन मैहा कतनेव रंग दिखावत है पान सुपारी मुहिमा राखे डैलिया हस मुह फैलावत है कोई रगड़ के चुना रगड़े कोई साजन पुकार खात है बस एक रुपैया मैहा नरक कै टिकट कटावत है बार रखावत ऐसे की जय सय नाचत गावत है टी बी पिक्चर छुटै नहीं  पूरा ध्यान लगावत है पढे लिखय का बप्पा कहि दियय फुनुक फुनुक कै रोवत है आज के लड़िका फैशन मैहा कतनेव रंग दिखावत है

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