ग़ज़ल
बुझेगी प्यास सारी अब सियासी पानी से चली है बात कुछ ऐसी ही राजधानी से पिलायी जा रही मय जिस
Read Moreगड़े मुर्दे उखाड़ना और फिर उसका सौदा करना फैशन ही नहीं लाभकारी धंधा भी है इस धंधे में ख्याल बस
Read Moreभरोसा जब दरकता है तो रिश्ते टूट जाते हैं, सलीके जिंदगी जीने के हमसे रूठ जाते हैं। सियासत बन गई
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