एक गुज़ारिश इतनी प्रभु से
पल-पल बीत रहे हैं पल, हर पल नया एहसास कराता है, कभी हंसता, कभी रोता, कभी नाराज़ भी वह हो
Read Moreपल-पल बीत रहे हैं पल, हर पल नया एहसास कराता है, कभी हंसता, कभी रोता, कभी नाराज़ भी वह हो
Read Moreखो गई मैं कहीं ढूंढ़ रही हूँ, मैं अब अपना वजूद, हर धड़कन में मैं बसती थी, कहाँ गया मेरा
Read Moreकुछ तारे आसमां पर और कुछ धरा पर हैं उतर आये, मानो अमावस की काली रात में धरती पर टिमटिमाये,
Read Moreआओ हम सब मिलजुल कर दिये जलायें एक है भावना सबकी दुनिया को बतलायें, चलो दिये की हर लौ से
Read Moreहे प्रभु क्षमा कर, गलतियां हमारी तू माफ़ कर, मानवता दिखलाने का तू एक हमें दे दे अवसर, नहीं रुक
Read Moreउम्मीद लिए छोटी सी, प्रातःकाल वह निकल जाता है, उम्मीद बड़ी रखने का, कोई कारण भी कहां होता है, फुटपाथ
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