अमलतास के झूमर
धरती तपती लोहे जैसी गरम थपेड़े लू भी मारे । अमलतास तुम किसके बल पर खिल- खिल करते बाँह
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Read Moreभाषा मनुष्य का आत्मिक स्वरूप है, जिसके बिना उसके अस्तित्व की कल्पना भी नहीं की जा सकती। भाव, विचार, चिन्तन,
Read Moreभारतीय काव्यशास्त्र और भाषा विज्ञान में शब्द की सत्ता बहुत महत्त्वपूर्ण है। उपयुक्त अवसर पर जब उपयुक्त शब्द प्रयुक्त किया
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