शीत लहर है आयी
सुबह हुई है सिमट धुंध में ,ठिठुरन करती अगुआई । रंग सभी कुहरे में लिपटे ,शीत लहर यूँ गहराई ।
Read Moreसुबह हुई है सिमट धुंध में ,ठिठुरन करती अगुआई । रंग सभी कुहरे में लिपटे ,शीत लहर यूँ गहराई ।
Read Moreठूंठ वृक्ष है रहित पात से ,सन्नाटा है छाया । हरियाली का चीर हरण कर ,पतझड़ है इतराया ।। नयन
Read Moreहौंसलो को आजमाओ ,साथ साहस का न छोड़ो । लाख भय हो हारने का ,तय सफलता भी मिलेगी । मत
Read Moreबचपने की ढल गयी है ,खूबसूरत शाम । करवटें बदली उमर ने ,तज सुखद आराम । खो गए वो दिन
Read Moreइंतजार के उस मौसम में ,तेरी यादें महकाती थी । अक्सर जो दिल बोझिल होता ,आ चुपके सहला जाती थी
Read Moreपहले फूंको कलुष भाव को ,निज दोषों का दाह करें । बाद जला रावण का पुतला ,राम राज्य की चाह
Read Moreजीना किया मुहाल धरा का ,संकट में मन प्राण किया है । ढेर लगा,मल औ कचरे का , हैवानों सा
Read Moreजब हारेंगी श्वास जीव की ,मृत्यु की तब जीत होगी । आत्मा हँस कर देह बिसारे ,मृत्यु की मनमीत होगी
Read Moreॐ नाम का दर्शन होगा ,चल कैलाश पति के धाम । शिखर हिमालय मानसरोवर ,सम पूरण हैं चारों धाम ।
Read Moreपनघट पर नित नन्द का छौना मोहे छेड़ के जावै री मार कंकरिया मटकी फोरि, वो तो खूब सतावै री
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