कविता
सुनो .. कैसा महसूस होता हैं बिना खिड़की के कमरे में रहना … बिना दस्तक के इंतजार में रहना… खामोशी
Read Moreतुम्हीं हो….. सुनो तुमने सिर्फ उड़ते पक्षियों की बात की उनकी उड़ान की कभी विचार कर उनके प्रीत के क्षण
Read Moreगुज़रती हूँ हर घड़ी किसी अग्निपरीक्षा से… करता है मेरा ही मन मुझे खाक आदत तो कभी नहीं रही यूँ हार
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