अफवाह
जीना मुश्किल,मरना आसान हो गया हर दूसरा घर कोई श्मशान हो गया माँ कहीं,बाप कहीं,बेटा कहीं,बेटी कहीं एक ही घर
Read Moreइश्क़ का भ्रम यूँ बनाते रहिए इस दिल में आते जाते रहिए आप ही मेरी नज़्मों की जाँ थी ये
Read Moreआग लगाने वाले आग लगा चुके पर इल्ज़ाम हवाओं पे ही आएगा रोशनी भी अब मकाँ देखे आती है ये
Read Moreकोई क़यामत न कोई करीना याद आता है जब दुपट्टे से तेरा मुँह छिपाना याद आता है एक लिहाफ में
Read Moreतू मिलना अब मुझसे तो सब रश्में तोड़ के मिलना दुपट्टे,पल्लू में समेटी हुई लाज शरम छोड़ के मिलना जो
Read Moreबच्चों को गिरने पड़ने भी दीजिए धूल मिट्टी में उतरने भी दीजिए गर ज़ख्म हैं इस जमीन के तो इसी
Read Moreरिश्ते निभाने में बहुत वक़्त लगता है सो हर एक से ही फासला बनाते रहिए कितनी तामील हो पाएगी,मलाल नहीं
Read Moreबादल बना है फिर सवाली आसमाँ क्यों खाली-खाली किसने लूटा है गुलिस्तां को बिखरा हुआ है डाली-डाली किस-किस से करे
Read Moreजो रहगुज़र हो जाए तेरे तन बदन का मुझे वही झमझमाती बारिश कर दो तुमसे मिलते ही यक ब यक
Read Moreजो गीत मैं अपने वतन में गुनगुनाता हूँसरहद के पार भी वही गाता है कोईमैं बादलों के परों पे जो
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