गीतिका/ग़ज़ल संजय ग्रोवर 24/08/202226/08/2022 ग़ज़ल इस बार भी तो काटे गए आम बहुत हैं हां, अपने लिए खाने को, इल्ज़ाम बहुत हैं हमने ये कब Read More
गीतिका/ग़ज़ल संजय ग्रोवर 24/08/202226/08/2022 ग़ज़ल जिन रस्मों की ख़ातिर तुमने आग़ लगाई है उन रस्मों को आग़ में डालो ख़त्म बुराई है जिनका सौदा कर Read More