संजा पर्व
संजा पर्व मालवा , निमाड़ ,राजस्थान ,गुजरात के क्षेत्रों में कुंवारी कन्याए गोबर से दीवार पर सोलह दिनों तक विभिन्न
Read Moreवृक्ष को देखा मैने उसने अपने ऊपर बना रखी हो जैसे पक्षियों की होटल गर्मी में आसरा तलाशते राहगीर कभी खुद को तो
Read Moreसुप्रभात बतलाता तालाब को अलविदा करता रात को खिले कमल और सूरज की किरणों की लालिमा लगती चुनर पहनी हो फिजाओं
Read Moreस्त्री हिचकियाँ की सखी साथ फेरो का सकल्प दुःख सुख की साथी एकाकीपन खटकता परछाई नापता सूरज पहचान वाली आवाजों
Read Moreवतन के लोगों वतन को ,आतंक से बचालो आतंक के कहर को मिलकर वतन से निकालो सोने की चिड़िया के वतन
Read Moreआदिवासी बाहुल्य क्षेत्रो मे भगोरिया पर्व आते ही वासन्तिक छटा मन को मोह लेती है वही इस पर्व हेतु पूर्व
Read Moreइशारों से जब दिल की बात बताए लोग कहते है ये अदाओं का जमाना है परिंदे ने जब प्रेम -पंख
Read Moreपत्तियों का डाली से छूटना आया पतझर मे जेसे वृक्ष को रोना आया परिंदों का था ये पत्तियों का पर्दा
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