हिंदी के समक्ष समस्याएं और समाधान
सकल सृष्टि में भाषा का विकास दैनंदिन जीवन में और दैनन्दिन जीवन से होता है। भाषा के विकास में आम
Read Moreसकल सृष्टि में भाषा का विकास दैनंदिन जीवन में और दैनन्दिन जीवन से होता है। भाषा के विकास में आम
Read Moreभाषा राष्ट्र और समाज की ऐतिहासिक धरोहर होती है। उसका संवर्धन और संवरक्षण एक अनिवार्य दायित्व है। भाषा, संस्कृति, सभ्यता,
Read Moreस्वार्थ के लिए भोजपुरी और हिन्दी-दोनों को कमजोर करने का कुचक्र हिन्दी आज टूटने के कगार पर है. भोजपुरी को
Read Moreकोई सप्ताह भर पहले जब मैं सिलीगुड़ी के हिलकार्ट रोड से गुज़र रहा था कि अनायास ट्राफिक जाम के कारण
Read Moreहमारी हिन्दी आज टूटने के कगार पर है. कुछ स्वार्थी लोगों ने भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल
Read More२२ मई से २८ मई २०१६ की आर्य जगत साप्ताहिक पत्रिका में “मुक्त दयानंद मोक्ष में आर्य समाज की दुर्दशा
Read Moreसंविधान परिषद की १२ सितम्बर १९४९ को अपराह्न में भाषा के प्रश्न पर विचार किया गया। अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने स्मरणीय
Read Moreआजकल मै लगभग खाली हूँ. मेरे खाली दिमाग में एक बिल्कुल नया अद्भुत आयडिया आया है. सोचता हूँ नीतिश जी
Read Moreहम अपने प्रेम के कलश को सदैव स्नेह और सद्भावनाओं से भरा रखें। मानसिक एवं भावनात्मक पवित्रता के जल कण
Read Moreपत्नी बार बार मां पर इल्जाम लगाए जा रही थी और पति बार बार उसको अपनी हद में रहने
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