अल्फ़ाज़
अल्फ़ाज़ कागज़ कलम लिए आज हूँ, तुमको सोचती आज हूँ , ख्वाब से निकाल लूँ, तुमको साकार कर लूँ
Read Moreदिल के किसी कोने में , तेरे प्यार का दीया , मैंने जलाया है,।। हमेशा जलता रहेगा । तेरे नाम
Read Moreमेरे बचपन की दीवाली , जाने कहाँ खो गई , तुम जब आती थी , बहुत दिनों की छुट्टियां होती
Read Moreकलयुगी राम रोहन अपने दादा दादी के साथ गांव में न रह कर माता पिता के साथ पास के शहर
Read Moreशहर के सभी न्यूज़ चैनल , अखबार में दर्शना का नाम है ।उसी की खबर आ रही है लगातार ।
Read Moreदृश्य एक … “सुन , संजय अब सिन्दूर मैं लगाऊंगा । तू बहुत दिनों से लगा रहा है ।” “मंजय
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