फूलों की क्यारी
फूलों की क्यारी कभी-कभीबंजर सी नजर आती है।वो काली निशा,चाँद बिनाविधवा सी नजर आती है।जग की जननी,मातृत्व बिनाबांझ भी कहलाती
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