यादें
यादों के झरोंखो में झांकने लगी आज, सपनों में खोने लगे झंझावातों भरें राज। उड़ान भरी, लगाई एक लम्बी सी
Read Moreबेटी हैं अनमोल धरोहर, संस्कृति और समाज की। यदि सभ्यता सुरक्षित रखनी, सींचो मिल सब प्यार से। मां के पेट
Read Moreगुणगान करें सब नारी का, सम्मान करें न जानें। लक्ष्मी कहलावे जो घर की, लक्ष्मी के हित
Read Moreचूल्हे पर जलती हांडी सी, पल पल जलती मेरी मां। भीतर भीतर बल्के फिर भी, कभी न छलके मेरी मां।
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