कहानी : ढलती सांझ
रात के दो बज रहे होंगें। इस शांत नीरव वातावरण में किसी के क्रंदन की आवाज मानों आकाश गर्जना कर
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Read Moreमैँ धो देना चाहती हुँ अपने सारे गम रंजिश व तपिश बदन की ! उस शावर के नीचे और उस
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