खुशियों के मेले में !!
हँसती थी जब भी जिंदगी खुशियों के मेले में फ़िक्र, परेशानी, और उदासियों के गुब्बारे उड़ा कर तालियाँ बजाकर कोई
Read Moreहँसती थी जब भी जिंदगी खुशियों के मेले में फ़िक्र, परेशानी, और उदासियों के गुब्बारे उड़ा कर तालियाँ बजाकर कोई
Read Moreपापा कोई जादू तो नहीं है मेरे पास, है तो बस निष्ठा जो उम्मीद भरी आँखों में विश्वास और धैर्य
Read Moreमन्नतों के धागे कच्चे सूत से भले ही बने होते हैं पर जब तक पूरी न हो फ़रियाद ये हवा
Read Moreमाँ तुम जौहरी तो नहीं थीन ही कोई व्यापारी पर परखने का तरीक़ाबचत का सलीकाकब कहाँ कैसेखर्च करना है शब्दों
Read Moreकोशिशों का एक थैला दिया था माँ ने बचपन में जिसमे बेहिसाब उम्मीदें भरी थीं तभी तो मन आज भी
Read Moreउत्सव के रंग से रंगी हो द्वार की रंगोली माँ लक्ष्मी के मङ्गल चरण हों ड्योढ़ी पर शुभ लाभ का
Read Moreमाँ तुम्हारे शब्दों की विरासत मेरी हथेलियों को देती है ताक़त मन को संबल कदमों को हौसला मस्तिष्क को कभी
Read Moreये ख़ामोशी सिर्फ बोलती ही नहीं लड़ती भी है और कई बार जंग भी हो जाती है बिना किसी गोली
Read Moreसावन आता बूँद बूँद गिरता नेह मन का ! … मेहंदी सजा सावन में बहना शुभ करती ! … पावन
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