ग़ज़ल
मैं अपनो को दिए कर्ज नहीं गिनाती निभाती हूं रिश्ता मैं फर्ज़ नहीं गिनाती . बहाया है मैंने खून पसीना
Read Moreआजकल अनूप जलोटा जी को लेकर एक नई बहस चल रही है सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर…. कई दिनों से पढ़
Read Moreछुटकू सा है मन गौरैया फुदके नाचे ता ता थैया जब भी यह घबराता है खिड़की पर आ जाता है
Read Moreबड़ी ज़ोर से आज रात बादल को गुस्सा आया है धुँअे की पिचकारी से किसने उसको आज जगाया है नसों
Read Moreप्रेम… उम्र से बढ़कर समय से परे भाषा में कैद नहीं न ही परिभाषा में समाये इतना संवेदनशील कि छुअन
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