कविता : वेदना के स्वर तितली के संग
काश मैं तितली होती उडती मदमस्त फिजाओं में इन्द्रधनुषी रंगों में रंगकर रंगती सारे सपनो को सपने जो बुनती थी मै
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Read Moreसही समय पर दिल की कहना दिल में रखकर दर्द न सहना*** अपनों से वो सब कह देना जो उनको
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