ताटंक छंद
यही देश है,जहाॅ धरा पर, जनम लिया था कान्हा ने! जीवन में खुशियाँ लाने का, मरम दिया था कान्हा ने।
Read Moreदुनिया के इस मेले के देखो सब रूप निराले हैं! कुछ बाहर से काले हैं तो कुछ अन्दर से काले
Read Moreयही देश है,जहाँ धरा पर, जनम लिया था कान्हा ने! जीवन में खुशियाँ लाने का, मरम दिया था कान्हा
Read Moreसरहद से वर्दी संग उसका हर सपना ले जाना है! अन्तिम ख़त साथी का मुझको उसके घर पहुँचाना है!
Read Moreसूरज, चाँद, गगन से पहले याद वही तो आऐगें! मरे नहीं वो अमर हुऐ है दिल में साथ निभाऐगें!
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