दोषी कौन?
अकेलापन वो नहीं जो शायरी या कहानियों में बताया जाता है ये उससे पूछो जो इस आग में पल पल
Read Moreजो मेरे जीवन का अन्धकार मिटाके,मेरे मन को रोशन कर दे,ऐसे उन दोस्त को मैं क्या दूँ ? जो मेरी
Read Moreभाग्य में रच दिया जोसबको वही मिला हैजो है सब उसका दिया हुआकोसने से कहाँ किसे कुछ मिला है इंतजार
Read Moreएक ख्वाब जिसमें कुछ अधूरा नहीं मिलानैन सजाने को सुरमा नहीं मिलादिल पर पत्थर रखकर इंतजार किया उसकादिल ने चाहा
Read Moreमन की चाह एक हैआसमां में तारे अनेक हैपूरा करने चाहत कोदेखो टूटता तारा एक है खुद को समेटे जैसे
Read Moreमोहब्बत करके देखी जब शमा सा जलना बड़ा काम आया। कंगन पहने कलाई में जब खनक में उनकी, तेरा ही
Read Moreजो मेरा कभी नहीं थामेरा मन उस सा नहीं थाजो रात ढले फिर चमकेवो चांद मेरा नहीं था जो हर
Read Moreसंध्या २ महीने बाद आज जीवन से मिली थी। सावन की हल्की हल्की फुहारों वाली बारिश में जब संध्या नीले
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