वो आएंगे
जब टूटकर टुकड़ों में बिखर जाओगे, मोती सा पिरोने तुम्हें वो आएंगेयुद्ध के सूर्यास्त में जब असफल लौटोगे, शंखनाद करने
Read Moreमन की चाह एक हैआसमां में तारे अनेक हैपूरा करने चाहत कोदेखो टूटता तारा एक है खुद को समेटे जैसे
Read Moreमोहब्बत करके देखी जब शमा सा जलना बड़ा काम आया। कंगन पहने कलाई में जब खनक में उनकी, तेरा ही
Read Moreजो मेरा कभी नहीं थामेरा मन उस सा नहीं थाजो रात ढले फिर चमकेवो चांद मेरा नहीं था जो हर
Read Moreसंध्या २ महीने बाद आज जीवन से मिली थी। सावन की हल्की हल्की फुहारों वाली बारिश में जब संध्या नीले
Read Moreबस एक ख्वाहिश मेरीकि अपने जैसा बना दो मुझेअपने हृदय की वीणा के तारों कीसरगम बना दो मुझे मैं खुद
Read Moreकेसरिया सी निखरती मैं झांझर सी छनकती मैं चूड़ी सी खनकती मैं झरने सी बहती मैं आखिर क्यों? दुनिया पतझड़
Read Moreमोरिया सी इठलाती चाल में, कजरारे नैनों की आड़ में, गुलाबी होठों की सरगम में, कुछ तो बाकी है। गालों
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