आया नव-वर्ष
फिर आया नव-वर्ष, ले परम उत्कर्ष चंहु ओर होंगी खुशियाँ-बधाईयाँ नव-वर्ष जो आया है फिर हर वर्ष की भाँति भूल
Read Moreफिर आया नव-वर्ष, ले परम उत्कर्ष चंहु ओर होंगी खुशियाँ-बधाईयाँ नव-वर्ष जो आया है फिर हर वर्ष की भाँति भूल
Read More1. वह तितली बैठी गुलाब पर मैं मंत्रमुग्ध 2. ये प्रेमगीत ज्यों मधुर संगीत मन प्रसन्न 3. वह छुअन दिल
Read Moreतरसे मन तुम्हें मिलने को, आओ न बरखा रानी आग उगल रहा सूर्य, बरसाओ तुम्हीं शीतल पानी त्रस्त हुए जीव
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