लघुकथा – ताजिए
बेहद थके उदास कदमों से घर लौटे अब्दुल मुंह लटकाकर बैठ गए।सुबकते हुए सकीना उनकी ओर गिलास बढ़ाकर बोली-थोड़ा सा
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Read Moreपेपर लीक होने पर, प्रेस कांफ्रेंस हो रही है। प्रदेश के एक आला अधिकारी उसे फेस कर रहे हैं। पत्रकार
Read Moreअक्सर जब मैं अपनी कोई बात, अपनी पत्नी से मनवाना चाहता हूं, तो गुस्से में आकर कह देता हूं, मेरी
Read More(पुस्तक समीक्षा) सतसैया के दोहरे ज्यो नावक के तीर। देखन में छोटे लगे घाव करें गंभीर ।। उक्त दोहा कभी
Read Moreअनेक महत्वपूर्ण पुस्तकों के संपादक-लेखक सुरेश सौरभ, नवीन लघुकथा का साझा संग्रह ‘मन का फेर‘ लेकर पाठकों के बीच उपस्थित
Read Moreआज हर क्षेत्र में हम बढ़ रहे हैं, किन्तु चरित्र के मामले गिरते जा रहे हैं। आज पढ़े-लिखे ही नित
Read Moreआजादी की पौन सदी व्यतीत हो चुकी है। हम आजादी का अमृत महोत्सव बड़े गर्व से मना रहे हैं, लेकिन
Read Moreप्रिय भक्तों! आज मैं जो आप को ज्ञान देने जा रहा हूं, उसे बहुत ध्यान से सुनो। मैं जो कहना
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