कोरोना काल में ससुराल जाने की होली
बात कोरोना काल की है। होली में मुझे ससुराल जाना था, इसलिए पत्नी का सख्त आदेश
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Read Moreमैंने खिड़की के बाहर झांका, बाहर दे दनादन रंगों की बरसात जारी थी। मिर्जा लिपे-पुते सनसनाते हुए चले आ रहे
Read Moreवरिष्ठ साहित्यकार सुरेश सौरभ द्वारा संपादित ‘गुलाबी गलियां’ देशभर के 63 लघुकथाकारों की लघुकथाओं का एक विचारोत्तेजक और भावनात्मक रूप
Read Moreकहानीकार सुरेश सौरभ का कथा संसार दूसरों से बिलकुल अलग है। इनकी कहानियों में अपनापन होता है। साहित्य प्रेमी इनकी
Read Moreसुप्रसिद्ध कथा लेखक सह कुशल संपादक भाई सुरेश सौरभ द्वारा संपादित साझा लघुकथा संग्रह ‘घरों को ढोते लोग ‘
Read Moreकहानी आधुनिक साहित्य की सबसे अधिक लोकप्रिय विधा है। किसी घटना,पात्र,भाव व संवेदना की कलात्मक रूप से अभिव्यंजना करना कहानी
Read Moreबेहद थके उदास कदमों से घर लौटे अब्दुल मुंह लटकाकर बैठ गए।सुबकते हुए सकीना उनकी ओर गिलास बढ़ाकर बोली-थोड़ा सा
Read Moreपेपर लीक होने पर, प्रेस कांफ्रेंस हो रही है। प्रदेश के एक आला अधिकारी उसे फेस कर रहे हैं। पत्रकार
Read Moreअक्सर जब मैं अपनी कोई बात, अपनी पत्नी से मनवाना चाहता हूं, तो गुस्से में आकर कह देता हूं, मेरी
Read More(पुस्तक समीक्षा) सतसैया के दोहरे ज्यो नावक के तीर। देखन में छोटे लगे घाव करें गंभीर ।। उक्त दोहा कभी
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