कविता : आखिरी उम्मीद
तुझसे प्यार की उम्मीद करती हूँ तभी तो मैं तुझसे नाराज़ होती हूँ तू आएगा मुझे मनाने ये जानती हूँ
Read Moreतुझसे प्यार की उम्मीद करती हूँ तभी तो मैं तुझसे नाराज़ होती हूँ तू आएगा मुझे मनाने ये जानती हूँ
Read Moreकैसे अब किसी पर विश्वास मैं करु? पाके तुझसे धोखा अब मैं पलपल मरु मुझे बरबाद करके तू भी ना
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