बाल कहानी : बादल और बच्चे
सावन का आठवाँ दिन था। सुबह की स्वर्णिम धूप बड़ी रमणीय थी। दोपहर होते तक वातावरण उमस हो गया। शाम
Read Moreसावन का आठवाँ दिन था। सुबह की स्वर्णिम धूप बड़ी रमणीय थी। दोपहर होते तक वातावरण उमस हो गया। शाम
Read Moreबांधा तालाब के किनारे एक बहुत बड़ा बरगद का पेड़ था। मोटे व गठीले तने पर मोटी-मोटी शाखाएँ निकली हुई
Read Moreराजेन्द्र और रोहिणी के बीच तलाक हुए दस बरस बीत गये। गौरव की परवरिश राजेन्द्र ने किया। गीतिका रोहिणी के
Read Moreजाम-कच्छार से होकर गब्दीनाला बहता था। नाले के किनारे तरह-तरह के बड़े-बड़े वृक्ष थे। हर वृक्ष पर किसी न किसी
Read Moreमाह भर ही हुआ था महनूर का हसिफ से तलाक हुए। अब उसके जेहन में हमेशा एक ही
Read Moreपूर्वी ने अपनी पड़ोसन योगिता से पूछा- “गीतू की मम्मी ! सुबह तुम्हारे घर से चीखने-चिल्लाने की बहुत आवाज आ
Read Moreमहाभारत काल की घटना है। एक बार भगवान श्रीकृष्णचंद्रजी और कुंतीपुत्र भीमसेन वन विहार को निकले। श्रीकृष्णचंद्रजी भीमसेन के ममेरे
Read Moreकंधे पर बैग लटकाए एक युवक बस पर चढ़ा। सामने एक भी सीट खाली नहीं थी। पीछे की ओर नजरें
Read Moreकोर्ट में जज ने न्याय सुनाने से पहले कटघरे में खड़े विजय से पूछा- “मिस्टर
Read Moreउमरादाह वन में चुनाव सम्पन्न हुआ। इस बार अरण्य ध्वज पार्टी को बहुमत प्राप्त हुआ।
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