गजल : कभी हरियाली होती थी
कभी हरियाली होती थी, चारों तरफ गांव में जंगलों को कटवा डाला, विकास की चाव में ईमारतें झुक गई अब,
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Read Moreअगर नहीं रहेंगी बेटियां ही, तो तुम बहू कहां से लाओगे एक पहिए से नहीं चलती, यह गृहस्थी वाली गाड़ी
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