कविता- वहाँ मिलूँगी मैं
तुम हर पल ढूंढकर देख लेना. मैं तुम्हारी यादों की बस्ती में मिलूँगी. कोई जब खिलखिला कर हँसे. उसकी उस
Read Moreतुम हर पल ढूंढकर देख लेना. मैं तुम्हारी यादों की बस्ती में मिलूँगी. कोई जब खिलखिला कर हँसे. उसकी उस
Read Moreसच्चे रिश्तें को ढूंढने निकल एक घुमक्कड़ पथिक. जब से रूप बदला है उसने . उसकी काबिलियत पर उंगलियां उठानी
Read Moreमाँ एक शब्द नही है संसार बसता है उसमें, अपने खून से सींचकर हमे जीवन देती है, कितनी भी मुश्किलें
Read Moreअगर मैं तुमसे अपने दिल का हर हाल कहूं, तो वो प्रेम है मेरा, अगर मैं तुमसे मिलने का जिक्र
Read Moreसोना एक स्कूल में पढ़ाती थी। घर के कामो के लिए उसने पास की हो झुग्गी झोपड़ी में रहने वाली
Read Moreकागज के पन्ने सी कोरी ज़िन्दगी, रिश्तों में भीड़ है भरी, इंसानियत मर रही है लोगो की, सब मतलबी से
Read Moreइतना अधिकार चाहिये जब चलूँ मैं राह पर अकेले तो , तुम थाम लेना मुझे , जब कोई बुरी नज़र
Read Moreएक प्यारा सा परिवार मिला मुझे, एक प्यारे से पिता जिनकी राजदुलारी हूँ मैं, एक प्यारी सी माँ मिली जिनकी
Read Moreमैं आधुनिक युग की नारी हूँ, कमजोर नही हूँ मैं, सीमा को लांघना सीखा नही कभी, ऐसे संस्कार मुझे मिले
Read Moreप्रियंका एक बेहद ही पढ़ी लिखी और खुले विचारों वाली लड़की थी मगर एक मध्यमवर्गीय परिवार में उसके विचारों को
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