कविता : पूछो
चाँद क्या है रात से पूछो जमीं क्या है आसमान से पूछो दर्द क्या है इश्क के अरमान से पूछो
Read Moreचाँद क्या है रात से पूछो जमीं क्या है आसमान से पूछो दर्द क्या है इश्क के अरमान से पूछो
Read Moreनाव छूट ही जाते हैं मन के मन के लिए डूबता तैरता रहता हूं तुम्हारी नदियों में दिन भर के
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