गीतिका/ग़ज़ल विज्ञान व्रत 07/07/2018 ग़ज़ल 3 जब तक एक विवाद रहा मैं तब तक ही आबाद रहा मैं महलों के लफ़्फ़ाज़ कंगूरे गूँगी-सी बुनियाद रहा मैं Read More
गीतिका/ग़ज़ल विज्ञान व्रत 07/07/2018 ग़ज़ल 2 गुज़रे दौर-ज़माने रख कुछ अख़बार पुराने रख देख निशाने पर है तू तू भी ठीक निशाने रख जाने कब तक Read More
गीतिका/ग़ज़ल विज्ञान व्रत 07/07/2018 ग़ज़ल 1 यूँ चेहरा-दर-चेहरा भी वो लेकिन अपने जैसा भी वो भीतर बेहद टूटन-बिखरन बाहर एक क़रीना भी वो ख़ुद से एक Read More