गीतिका/ग़ज़ल डॉ. विनोद आसुदानी 24/12/201825/12/2018 ग़ज़ल वो यूँ ही मुझसे ना खफा होगा मेरे दुश्मन ने कुछ कहा होगा उसकी दहलीज पर झुका सर जब दिल Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. विनोद आसुदानी 24/11/2018 वक़्त तो लगता है टूटे दिल को फिर जुड़ने में वक्त तो लगता है ठहरे पानी को बहने में वक्त तो लगता है माली Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. विनोद आसुदानी 02/11/2018 ग़ज़ल 2 छोटा सा एक आशियाना चाहता हूं अपनी दुनिया मैं बसाना चाहता हूं मुझसे पूछे कोई गर क्या चाहता हूं प्यार Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. विनोद आसुदानी 02/11/2018 ग़ज़ल 1 दिल को जब ठोकर लगती है दर्द तो होता है आंखों से बारिश होती है दर्द तो होता है कैसे Read More