उम्मीदों का आसमान
देख बिन्नो! छोटू के खाने पीने पर टोक मत लगाया कर, मैं तुझे पहले भी कह चुकी हूँ।” सीमा कमरे
Read Moreदेख बिन्नो! छोटू के खाने पीने पर टोक मत लगाया कर, मैं तुझे पहले भी कह चुकी हूँ।” सीमा कमरे
Read Moreआज से 71 वर्ष पहले 06 अक्टूबर 1946 को पेशावर (पाकिस्तान) में जन्में “विनोद” जी का फ़िल्मी सफर जब शुरू
Read Moreआखिरकार अंतिम बस भी निकल गयी लेकिन राज नही आया। जाने कितनी देर से वह उसकी प्रतीक्षा कर रही थी।
Read More“बख्श दे ख़ता, गर ख़ता की सजा है ये जिंदगी। दुआ या बददुआ, अब सही नहीं जाती ये जिंदगी।” खाने
Read More“तुम ! तुम्हे…. तुम्हे यहाँ का पता किसने दिया ?” आज महीनो बाद अपनी दहलीज पर कासिम को देखते ही
Read More