गीत – ताकते हैं नैन खंजन (गीतिका छंद)
थाम लो भुजपाश आकुल आ परिधि में प्राणधन, ताकते हैं नैन-खंजन आज त्रिज्या व्यास पर। अधखुले मृदुहास रंजित यदि पुकारें
Read Moreथाम लो भुजपाश आकुल आ परिधि में प्राणधन, ताकते हैं नैन-खंजन आज त्रिज्या व्यास पर। अधखुले मृदुहास रंजित यदि पुकारें
Read Moreमातु कमलासिनी, दुष्टता नासनी, प्रीति संभाषणी, क्यों न हेरी। दम्भ
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